जिनके विरता कि सदियाँ गवाह हैं,
गगन के तारे और धरती पे बहती नदियाँ गवाह हैं।
गवाह हैं उनसे टकराने वाली हर गोलियाँ,
गवाह हैं सदन मे लगीं वो इन्कलाब की बोलियाँ।
सैनिक धरति को सुसोभित करने वाले पारिजात है,
सैनिक कैलाशनाथ के डमरू का अनादि-नाद है।
सैनिक वज्र है इन्द्र का, सैनिक गिता का ज्ञान है।
सैनिक रामायण-महाभारत, सैनिक कुरान है।
सैनिक ही मुल्क का सही पहचान है।
वतन की शान के रखवाले है, हमारी जान का रखवाले है।
सैनिक ही भारत की स्वाभिमान के रखवाले है।
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